बादलों में बिजली के जमा होने और आपस में या पृथ्वी के साथ अनुकूल वातावरण बनने के परिणामस्वरूप बिजली के निर्वहन से होने वाली बिजली और चमक के लिए, क्या हमारे धर्म में यह मान्यता है कि यह जन्नत के फरिश्ते (जबरुई) के कोड़े के झटके से उत्पन्न होती है? क्या ये मान्यताएँ धर्म में नई हैं (बिदअत)? हमें इस घटना को कैसे समझना चाहिए? क्या इस बारे में पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के कोई हदीस हैं?
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सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर