अब्द अल-कादिर अल-जिलानी और बेदिउज्जमां सईद नूरसी को समर्पित; भाषाओं और सीमाओं से परे ज्ञान की एक सेवा, जो सत्य की खोज में लगे दिलों के लिए तैयार की गई है।
तकवा का अर्थ है अल्लाह के प्रति गहरा सम्मान, भय और प्रेम के साथ, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, उसकी मनाही से बचना और जीवन को उसकी रज़ामंदी हासिल करने के उद्देश्य से जीना। इस्लाम में तकवा एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति की आध्यात्मिक परिपक्वता और अल्लाह के प्रति समर्पण को उच्चतम स्तर तक ले जाता है। यह श्रेणी इस्लाम में तकवा की परिभाषा, महत्व और मानव जीवन में इसके स्थान पर विचार करती है। तकवा केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ईमानदारी, न्याय, धैर्य, दया जैसे गुणों के माध्यम से व्यक्ति के दैनिक जीवन में भी प्रकट होता है। अल्लाह की रज़ामंदी हासिल करने और आख़िरत में सफलता प्राप्त करने के लिए तकवा के साथ जीने की आवश्यकता को इस श्रेणी में गहराई से परखा जाता है। इसके अलावा, तकवा द्वारा व्यक्ति की आंतरिक दुनिया में उत्पन्न शांति, नैतिक जिम्मेदारी और समाज में न्याय सुनिश्चित करने में उसकी भूमिका पर भी जोर दिया जाता है।
अब्द अल-कादिर अल-जिलानी और बेदिउज्जमां सईद नूरसी को समर्पित; भाषाओं और सीमाओं से परे ज्ञान की एक सेवा, जो सत्य की खोज में लगे दिलों के लिए तैयार की गई है।
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