यूनुस सूरे की 87वीं आयत में “अपने घरों को मस्जिद बनाओ” के कथन की व्याख्या करें? क्या प्राचीन समुदायों में नमाज़ और क़िब्ला था?

प्रश्न विवरण

यूनुस सूरा की 87वीं आयत में लिखा है: “हमने मूसा और उसके भाई को यह आदेश दिया: ‘अपने लोगों के लिए मिस्र में कुछ घर तैयार करो और अपने घरों को क़िब्ले की ओर बनाओ, नमाज़ अदा करो और मुमिनों को खुशखबरी दो।’ क्या उस समय अदा की जाने वाली नमाज़ आज की तरह ही थी और क्या क़िब्ला आज का क़ाबा ही था?”

उत्तर

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