ज़ुमर सूरे की 68वीं आयत में कहा गया है कि जब सूर में फूँक मारी जाएगी तो आसमान और ज़मीन में जो कुछ भी है, अल्लाह के इच्छितों को छोड़कर, सब गिरकर मर जाएगा। इस आयत में “अल्लाह के इच्छितों को छोड़कर” वाक्यांश की व्याख्या कृपया करें।

प्रश्न विवरण

ज़ुमर सूरा, आयत 68: जब सूर में फूँक मारी जाएगी, तो आसमानों और ज़मीन में जो कुछ भी है, सब मर जाएगा, सिवाय उन लोगों के जिन्हें अल्लाह चाहे। फिर जब उसमें दूसरी बार फूँक मारी जाएगी, तो देखो, वे खड़े होकर देखने लगेंगे! आयत में लिखा है कि जब सूर में फूँक मारी जाएगी, तो अल्लाह जिन लोगों को चाहेगा, वे नहीं मरेंगे। उन लोगों को कैसे समझा जाए जो नहीं मरेंगे?

उत्तर

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