ज़कात या फ़ितरा देते समय, क्या यह ज़रूरी है कि दी जाने वाली राशि ज़कात और फ़ितरा है, यह बात उस व्यक्ति को बताई जाए?

उत्तर

हमारे प्रिय भाई,


हनाफी मत के अनुसार,

जब किसी योग्य व्यक्ति को ज़कात दी जाती है, तो यह कहना ज़रूरी नहीं है कि दी जा रही चीज़ ज़कात है।


शाफीई मत के अनुसार भी

दी गई चीज़ के ज़कात होने की बात फिर से बताने की ज़रूरत नहीं है।

(मेज्मेउल-एनहुर, १/१९६१)


सलाम और दुआ के साथ…

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