प्रश्न विवरण
उत्तर
हमारे प्रिय भाई,
कुरान-ए-करीम में कहा गया है।
इस प्रकार, फातिहा सूरे के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कोई भी सूरा या आयतें ज़म्मा-सूरा के रूप में पढ़ सकता है। इस लिहाज से
सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर