– क्या यह विचार सही है कि ईश्वर शाश्वत है, और स्वर्ग और नरक एक दिन समाप्त हो जाएँगे?
हमारे प्रिय भाई,
ईश्वर का शाश्वत होना उसके स्वयं के स्वभाव का एक गुण है।
यदि स्वर्ग, नरक और उनमें रहने वाले लोग हमेशा के लिए हैं, तो
अल्लाह
उसकी शाश्वत उपस्थिति से यह जारी रहेगा।
उदाहरण के लिए, सूर्य की रोशनी, गर्मी और रंग उसके अपने हैं। पृथ्वी पर गर्मी, रोशनी और रंग सूर्य से आते हैं। जब तक सूर्य इन गुणों को पृथ्वी पर बनाए रखता है, तब तक ये सुंदरताएँ बनी रहेंगी। लेकिन ये सुंदरताएँ पृथ्वी की अपनी नहीं हैं, बल्कि सूर्य की हैं।
ठीक इसी तरह, ईश्वर स्वयं शाश्वत है। स्वर्ग, नरक और उनमें रहने वालों की शाश्वतता ईश्वर के शाश्वत अस्तित्व और निरंतरता से होगी। इसलिए, उनके बीच कोई विरोधाभास नहीं है।
ईश्वर का शाश्वत होना उसका अपना स्वभाव है, जबकि मनुष्य और अन्य प्राणियों का शाश्वत होना ईश्वर के बनाए रखने और हमेशा के लिए अस्तित्व में रखने के कारण है।
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टिप्पणियाँ
यात्री यात्री
अल्लाह आपको खुश रखे। बहुत-बहुत धन्यवाद…
सूखापन
बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे दिमाग में जो सवाल था, उसे आपने सुलझा दिया…