क्या “सूबहानके सुम्बुल तेके अनान एके बाबन तेके” कहना जायज है?

प्रश्न विवरण


– क्या “सुब्हानके सुम्बुल तेके अनान एके बाबन तेके” कहकर सुब्हानके दुआ का मज़ाक उड़ाना पाप है, या कुफ़र?

– क्या यह मज़ाक के तौर पर किया जा रहा है?

उत्तर

हमारे प्रिय भाई,


सुब्हानेक दुआ का मज़ाक उड़ाना एक मुसलमान का काम नहीं है।

इस चुगली के साथ

मज़ाक करना और मनोरंजन के साधन के रूप में उपयोग करना

तो यह शिष्टाचार के विपरीत है और

अनुमेय नहीं है।


सलाम और दुआ के साथ…

इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर

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