1- शैतान इबादत के दौरान मुझे इतने बुरे वस्वेसे देता है कि मैं पागल हो जाता हूँ और शैतान को बहुत बुरा-भला कहता हूँ। क्या मैं पाप कर रहा हूँ? 2- शैतान मुझे देख रहा है और मेरी पागलपन देखकर खुश हो रहा है। हम उसे क्यों नहीं देख पाते? कम से कम अगर हम उसे देख पाते तो उससे लड़ पाते और हमारा दिल थोड़ा शांत होता। उसका हमें देखना और हमारा उसे न देखना क्या अन्याय नहीं है? 3- क्या शैतान और बुरे लोगों की सज़ा सिर्फ़ आखिरत में ही मिलेगी? दुनिया को देखकर लगता है कि हमेशा वही जीतते हैं। हमारे दिल में हमेशा नफ़रत और दर्द भरा रहता है?
हमारे प्रिय भाई,
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सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर