
– इस हदीस का स्रोत और उसकी सच्चाई क्या है?
“यदि समाज में दुराचारिणी महिलाएँ बढ़ जाती हैं और व्यभिचार फैल जाता है, तो जनता पहले कभी न देखी गई संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त हो जाती है। यदि व्यापार में धोखाधड़ी की जाती है, तो जीविका में तंगी शुरू हो जाती है। यदि ज़कात नहीं दी जाती है, तो बारिश नहीं होती। यदि जानवर न होते, तो दया की कृपा नहीं मिलती। धर्म से लगाव कमज़ोर होने पर, दुश्मनों के हमले का सामना करना पड़ता है। धर्म का पालन न करने वाले शासक के आने पर, अराजकता फैल जाती है और जनता आपस में लड़ती है।”
हमारे प्रिय भाई,
इस हदीस को बेहाकी ने अब्दुल्ला इब्न उमर से सुनाया है।
(देखें: बेहाकी, शुआबुल्-इमान, 5/22, 23)
इस विषय पर दो अलग-अलग वृत्तांतों को प्रस्तुत करने वाले बेहाकी ने पहले वृत्तांत पर चुप्पी साध ली, और दूसरे वृत्तांत के लिए…
“कमजोर होने के कारण”
उसने अपना फैसला सुना दिया है।
(देखें: चंद्रमा)
बेहाकी ने कहा कि इस अर्थ में एक और वृत्तांत सही है।
(देखें: बेयाकी, शुआबुल्-इमान, 5/22, ह. सं. 3042; हकीम, मुस्तदरक, 4/582)
सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर