हमारे प्रिय भाई,
हाँ, पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हज के समय मुज़दलिफ़ा में सुबह की नमाज़ अदा करने के बाद मीना की ओर प्रस्थान किया था।
शुक्रवार को, सूर्यास्त के बाद, हमारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अपनी ऊँटनी क़स्वा पर सवार थे और उनके साथ उसामा बिन ज़ैद थे, और वे अराफ़ात से मुज़दलिफ़ा पहुँचे। उस समय शाम की नमाज़ का वक़्त निकल चुका था और रात की नमाज़ का वक़्त आ गया था। रसूल-ए-अकरम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने पहले एक अज़ान और दो क़ियामत के साथ शाम की नमाज़ अदा करवाई, और उसके बाद रात की नमाज़ भी अदा करवाई।
(बुखारी, 2:177; मुस्लिम, 4:42; अबू दाऊद, 2:191.)
पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने शुक्रवार से शनिवार की रात मुज़दलिफ़ा में बिताई। शनिवार की सुबह की नमाज़ वहीं अदा करने के बाद वे मश्अर-ए-हराम गए।
आजकल हज करने जाने वाले हमारे भाई-बहन बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसलिए हम उन्हें सलाह देते हैं कि यात्रा के दौरान वे अपने दल के साथ ही रहें। कभी-कभी -जैसे कि हजरे-ए-अस्वाद को चूमना- किसी सुन्नत को पूरा करने के चक्कर में हराम में पड़ने की भी संभावना होती है। इस दृष्टिकोण से, विवाद और झगड़े के बिना हज का कर्तव्य पूरा करना आवश्यक है।
सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर