कुछ दिन पहले मैंने एक हदीस पढ़ी: इब्न अब्बास (रज़ियाल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया: “सात आर्श हैं। हर आर्श पर आपके पैगंबर की तरह एक पैगंबर, आपके आदम की तरह एक आदम, आपके नूह की तरह एक नूह, आपके इब्राहीम की तरह एक इब्राहीम, आपके ईसा की तरह एक ईसा है।” क्या यह हदीस सही है? अगर सही है तो क्या यह मुतशाबीह है? इस हदीस को कैसे समझना चाहिए? क्या हर आर्श के लिए अलग-अलग जन्नत और जहन्नुम है? लेखक ने हदीस के स्रोत के रूप में हदीस एनसाइक्लोपीडिया, खंड 5, पृष्ठ 344 से उद्धरण दिया है।
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सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर