हमारे प्रिय भाई,
कब्र की यात्रा के दौरान कब्र में नमाज़ नहीं पढ़ी जाती। कब्रों को कभी भी मस्जिद नहीं बनाया जाता। कब्र की ओर मुँह करके नमाज़ पढ़ना भी महरूम (अवांछनीय) है।
क़ब्रों पर मोमबत्तियाँ लगाना और जलाना जायज़ नहीं है। (मुस्लिम, जनाज़त, 98; अबू दाऊद, सालात, 24; तिरमिज़ी, सालात, 236)
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क्या कब्र के लिए कोई विशेष नमाज़ है, जिसे कब्र नमाज़ कहा जाता है? अगर है तो उसे कैसे अदा किया जाता है?
सलाम और दुआ के साथ…
इस्लाम धर्म के बारे में प्रश्नोत्तर