ईश्वर कहते हैं, “जिस आकाश में नक्षत्र हैं, उस आकाश की कसम! (सूरह अल-हिजर, 15:16; सूरह अल-फुरकान, 25:61)” क्या इस आयत से तात्पर्य उन नक्षत्रों से है जो हम जानते हैं? आकाशगंगाएँ क्या हैं?

प्रश्न विवरण

ईश्वर कुरान में कहते हैं कि उन्होंने आकाश में नक्षत्रों को बनाया है (अल-हिजर सूरा, 15/16; अल-फुरकान सूरा, 25/61), “और आकाश की कसम, जिसमें नक्षत्र हैं…” क्या इस आयत से तात्पर्य उन नक्षत्रों से है जो हम जानते हैं (जैसे कुंभ, तुला, वृश्चिक आदि)? साथ ही, आकाशगंगाओं के बारे में भी जानकारी दें तो अच्छा होगा।

उत्तर

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