इस्तिहारे की नमाज़ कैसे अदा की जाती है, क्या इसमें इस्तहारे की दुआ के अलावा कोई और दुआ पढ़ी जा सकती है?

प्रश्न विवरण

क्या इस्तहारे नमाज़ के बाद तस्बीह करना ज़रूरी है? अगर करना है तो कौन-कौन सी दुआएँ पढ़ी जाएँ? क्या इस्तहारे नमाज़ के बाद सोने से पहले हम सामान्य तौर पर जो दुआएँ/सूरह पढ़ते हैं, उन्हें पढ़ने में कोई हर्ज है?

उत्तर

हमारे प्रिय भाई,

इस नमाज़ की नियत इस प्रकार की जाती है: “मैंने अल्लाह की रज़़ा के लिए इस्तिख़ारा नमाज़ अदा करने की नियत की।” नमाज़ के बाद तस्बीह करना ज़रूरी नहीं है।

नमाज़ के बाद इस्तहारे की दुआ के अलावा भी दुआ पढ़ी जा सकती है।

नहीं, इन दुआओं और सूरतों को पढ़ने में कोई बुराई नहीं है।


सलाम और दुआ के साथ…

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