अलेवी लोग रमज़ान का रोज़ा क्यों नहीं रखते और नमाज़ क्यों नहीं अदा करते? क्या उन्हें पता नहीं है कि हज़रत अली ने ये सब किया था?

उत्तर

हमारे प्रिय भाई,

इस्लाम के आदेश हमें कुरान और हमारे पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत से मिलते हैं। इस्लाम की शर्तें निर्धारित हैं। चाहे नाम कुछ भी हो, कौन सा समूह, कौन सा संप्रदाय नमाज़ और रोज़े का इनकार कर सकता है? इस वजह से यहाँ कोई संतोषजनक जवाब नहीं हो सकता। एक मुसलमान केवल कुरान और सुन्नत से ही संतुष्ट होता है। इसके अलावा कोई संतोषजनक प्रमाण नहीं है।

साथ ही, सभी अलेवियों के लिए।

“वह नमाज़ नहीं अदा करता, रोज़ा नहीं रखता”

ऐसा नहीं कहा जा सकता। कुछ अलेवी लोग नमाज़ अदा करते हैं और रमज़ान का रोज़ा रखते हैं।

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अलेविज़्म के क्षरण का कारण क्या है?


सलाम और दुआ के साथ…

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