क्या अंधेरे में नमाज़ पढ़ी जा सकती है? नमाज़ पढ़ने के लिए रोशनी की कितनी मात्रा होनी चाहिए?

प्रश्न विवरण

क्या अंधेरे में नमाज़ पढ़ी जा सकती है? मैंने कुछ दोस्तों को मस्जिद में जाकर लाइट बंद करके नमाज़ पढ़ते हुए देखा। क्या यह सही है, और रोशनी की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

उत्तर

हमारे प्रिय भाई,

हमें कहीं भी, न तो नमाज़ के मकरूहात के अध्याय में और न ही कहीं और, अंधेरे या अर्ध-अंधेरे स्थान पर नमाज़ अदा करने के मकरूह होने का उल्लेख नहीं मिला। इसका कारण यह है कि इससे सजदे की जगह, जिस ओर देखना नमाज़ के दौरान सुन्नत है, दिखाई नहीं देती। क्योंकि, खड़े रहते हुए सजदे की जगह को देखना नमाज़ के आदाब और सुन्नतों में से है। (ताहतावी, पृष्ठ 288)

यदि इस बात पर संदेह हो कि नमाज़ अदा करने या सजदा करने की जगह साफ़ है या नहीं, या इस बात की संभावना हो कि वह जगह गंदी है, तो नमाज़ अदा करना हराम है, क्योंकि नमाज़ के फ़र्ज़ों में से एक है कि वह जगह नक़ास (गंदगी) से पाक हो, या उसकी सफ़ाई के बारे में संदेह न हो।

लेकिन, अगर आपको अपने प्रार्थना-स्थल या सजदा करने की जगह की सफ़ाई के बारे में पूरा यकीन है, तो अंधेरे में भी वहाँ नमाज़ अदा करना मकरूह नहीं है। क्योंकि, यहाँ ज़रूरत भी है। क्योंकि, इंसान केवल मजबूर होने पर ही अंधेरे में नमाज़ अदा करता है।


सलाम और दुआ के साथ…

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